भाषा के आधार पर उच्च संस्थानों में क्लास डिविजन
क्लास डिविजन मुख्यत: तीन है अपर क्लास ,मिडिल क्लास और लोअर क्लास ये सामाजिक वर्गीकरण जाति के आधार पर नहीं हैं ये वर्गीकरण पैसे और भाषाई आधार पर हैं जो समाज में गरीबी और अमीरी की खाई को और गहरा किया हैं। भारत के महानगरों से लेकर कस्बों तक ये खाई दिखाई पड़ती है। भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में उच्च शिक्षा में अंग्रेजी भाषा का उपयोग अंग्रेज सरकार से चली आ रही है जो आज भी जारी है।स्कूली शिक्षा में निजी स्कूलों में अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई होती हैं परंतु सरकारी स्कूलों में आज भी हिंदी या स्थानीय भाषा का उपयोग होता है । जिनके पास पैसे और संसाधन मौजूद हैं वे अंग्रेजी भाषा में निजी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं पर जो अभावग्रस्त हैं पैसे की तंगी है वे किसी तरह से शिक्षा स्थानीय भाषा में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
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